वह आता– दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक, चल रहा लकुटिया टेक, मुट्ठी भर दाने को– भूख मिटाने को मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता– दो टूक कलेजे के करता पछताता…
वह आता– दो टूक कलेजे के करता पछताता पथ पर आता। पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक, चल रहा लकुटिया टेक, मुट्ठी भर दाने को– भूख मिटाने को मुँह फटी पुरानी झोली का फैलाता– दो टूक कलेजे के करता पछताता…